अच्छा किया जो तुमने मुझे अकेला छोड़ दिया,बीच राह , बिन बात तोड़ दिया |
और छोड़ दिया मुझे मेरे फटे हाल, और चले गए अपनी मज़िल की चाल |
अच्छा किया , जो तुम ने ऐसा किया |
ऐसा न करती , क्या मै जानता की ज़िन्दगी क्या होती है ?
जब लोग अपनी राह चाल जाते है, आप पीछे छूट जाते है ,
कोई नहीं होता काफिले में, बस आप रह जाते है |
सारे अपने,आगे या पीछे रह जाते है |
छोड़ जाते है आप को अपने हाल , जियो या मरो,
आप का साया आप से रूठ जाता है,
अपने कंकाल में आप फ़स कर रह जाते है |
अपनी धङकनो को आप ही सुन पाते है ,
और फिर आप ,आप और आप ही रह जाते है |
अगर तुम मेरे साथ होती तो, मै ये इल्म न जान पाता,
और अपनी ज़िन्दगी फर्श पर कैसे ला पाता |
आज अपनी बेबसी पर कुछ इस तरह न फूला समाता |
जाओ , अब आबाद हो जाओ , किसी और की ज़िन्दगी को बर्बाद कर के आओ, किसी और को मुझ जैसा बनाओ |
शायद वे भी , मेरी तरह ज़िन्दगी जीना सिख जायेगा , और तुम्हारी बर्बादी के गीत गुनगुनायेगा |
जाओ ज़िन्दगी फिर से आबाद हो जाओ |
© Abhishek Yadav 2015
Images source www.google.co.in
Well done
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