मै चला था साथ तुम्हारे , तो लगा था ,
जिंदगी आसान बन जायेगी, जो भूली बिसरी कुछ यादें थी,
बस यादें बन कर रह जाएगी,
तुम्हारे संग हो जाऊंगा मै भी जीवन धारा के उस पार,
शायद जीवन संघर्ष के बाद , मैं भी कर लूँगा पयार |
पर मैं था भूला , स्वमभू-योद्धा मार्ग से बहका , तुम को देख कर था चहका ,
मैं तो जीवन संघर्ष करता , निरन्तर युधोन्नत, सतत पथगामी ,
मैं लड़ाका, अभिशापित जीवन रैनबसेरा , पर नहीं विदित बसेरा ,
मैं स्वयं, मार्ग को भूला, अपने दाइत्वों से था झूला |
अब जागा हुँ इन्द्रिय निद्रा से ,अब उठ खड़ा हुआ हुँ घनघोर हृदय पीड़ा से ,
अब चलुंगा यात्रा पर, अपनी जीवन यात्रा पर |
हे प्रेम , मुझे कमजोर, रणछोड़क मत कहना ,
ह्रदय विदारक , भाव विनाशक मत समझना ,
मैं तो योद्धा हुँ ,
जीवन में चलते रहना ही,
मेरा कर्म है |
© Abhishek Yadav 2015
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